Volume : 5, Issue : 7, JUL 2019
राष्ट्रीयता की भावना से ओत-प्रोत दस्तावेज़ - 'पल्लवी' (A Document Filled with spirit of Nationalism : Pallavi)
DR. SANJEEV KUMAR
Abstract
'पल्लवी' आधुनिक मध्यवर्गीय समाज में राष्ट्रीयता की भावना से ओत-प्Çाोत डॉ।रमेश पोखरियाल 'निशंक' जी की महत्त्वपूर्ण कृति है। इस उपन्यास का उद्देश्य सहज मानवीय जीवन मूल्यों के साथ-साथ राष्ट्रीयता की भावना से साक्षात्कार कराना है, जो मूल्यहीनता के अराजक दौर में निःसन्देह प्Çाशंसनीय कार्य है। 'निशंक' जी का लेखन जीवन, समाज और देशभक्ति की भावना से गहरे जुड़ा हुआ है। इस रचना में भी उनकी दृष्टि समाज के मध्यवर्गीय सुख-दुःख व राष्ट्रीयता से जुड़ी रही है।
Keywords
राष्ट्रीयता की भावना, 'पल्लवी'
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References
१। डाù। रमेश पाखरियाल 'निशंक', पल्लवी, पृष्ठ ११७-११८ । २। यथोपरि, पृष्ठ १३८ । ३। यथोपरि, पृष्ठ ४९ । ४। यथोपरि, पृष्ठ ११ । ५। यथोपरि, पृष्ठ १३४ । ६। यथोपरि, पृष्ठ २६ । ७। यथोपरि, पृष्ठ ७६ । 'पल्लवी' (उपन्यास)ः डाù। रमेश पोखरियाल 'निशंक', वर्ष २०१२, भारतीय ज्ञानपीठ प्Çाकाशन, दिल्ली ।